Friday, July 2, 2010

bachpan

बचपन लाना और बचपन टालना दोनो ही उम्र पर छोड दीया जाता है और बार - बार उसको बताया भी जाता है की तु अभी छोटा है या अब तु चौदह साल का जवान हो चुका है ! पर हर कोई बचपन में जीना चाहता है ! हर कोई अपने आप को बडा दिखाने की कोशिश करता है !

जैसे हमारे ही लैब में राजा है किसी से भी बात करता है तो बाबू जरुर बोलता है ! किसी का नाम न लैखर बाबू शब्द
कह देना या एसा कोई भी शब्द ईस्तमाल करना हम उस पर क्या जताना चाहते है की में तुझसे बडा हूँ ! या मेने देखा जब किसी कि लडाई हो जाती है ! तो लोग ये क्यो बोल दैते है जा बच्चा समझकर छोड दिया !

यानी कही न कही अपने आप को उससे बडा दिखाने की कोशिश करता है ! या दुसरो से कम्प्येर करना माँ - बाप हमेशा अपने बच्चो को दुसरो से कम्प्येर क्यो करते है ! कभी कोई कुछ भी करता है तो बारा बार बताते है की देख उसने क्या किया !

मै बडा हो चुका हूँ या बचपन मैं जी रहा हूँ ! बाहार के माहौल की समझ जैसे ही धीरे धीरे बनती जाती है , वैसे ही शायद बचपन भी औझल होते जाता है पर उस बचपन को अपने अन्दर कही न कही छुपा लेते है ! जैसे हर कोई आप को बडा बताना चाहता है , वैसे ही घर वाले भी हमें हमेशा अपनी नजरो में तो बच्चा ही समझेगें पर अपने अन्दर आप कहाँ तक समझते हो की आप बच्चे हो ये आप पर निर्भर
है !

जैसे की किसी ने बताया की एक बच्चे से उन्होने पुछा कि कहाँ जा रहा है ! उसने बडी शान से बताया की काम पर जा रहा हूँ !

शक्स ने कहा~ कितने कमाते हो !
उसने कहाँ 70-75 रू रोज , 25 रु आपने पास रखता हौँ बाकी घर में देता हूँ !

जो आपने काम से अपने घर वालो का पेट पाल रहा है उसे वो शक्स क्या कहते की तू अभी बच्चा है या तेरी इतनी उम्र
है पढाई कर काम क्यो कर रहा है ! और वो भी ये कहे अभी मैं बच्चा हूँ अभी में कर भी क्या सकता हूँ ! वो बच्चा भिख माँगने का काम करता है ! और कितनी शान से बोल पडा की काम पर जा रहा हूँ ! उसने दुनियाँ वालो के बीच ये रखा है
की उम्र कुछ नही सब अपने ऊपर निर्भर है ! लोगो को देखने का नजरिया क्या है उसके काम के साथ !
vicky
p.k.s

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