Friday, July 2, 2010

Relling se (ek lekh)

रेलिंग
बिजली जा चुकी थी हर घर चिराग से रोशन होने लगे थे ,समय भी करीब 8:00 बजे का था ,पसीने से शरीर चिपचिपाने लगा था कपड़े शरीर से चिपकनेपर मजबुर थे लोग बाग अपने घरो से बाहर निकलने लगे थे निगाहो को भी ये सभी नजारे देखने के लिए बढिया जगह मिल गई! शुरुआत में निगाहे कही जमने को ठहरने को तैयार ही नही ! निगाहे सामने की तरफ जाती तो छोटे छोटे बल्फ शहर को साफ उभार रहे है ! सभी रोशनीयाँ अधेरे में जगमगा रही है ! कभी पलकें झपकती कभी निगाहें पलटती और कभी नीचे जाती तो कभी नीचे का माहौल समय के साथ बदलता नज़र आता ! कहीं लोगों की भीड़ कहीं सन्नाटा, सड़कों पर आते-जाते लोग बाग और गाड़ियों के आने जाने पर आती आवाज़ें जैसे: माहौल के होने का एहसास दिलाती! गाड़ियों आने-जाने के एहसास का एहसास दूर से हो रहा था! इतने में निगाहों ने फिर करवट ली और कुछ परछाईयाँ दिखने लगी !

अंधेरे में जब कोई गाड़ी अपनी हेडलाईट की रोशनी उनके चेहरों पर डालता तो कुछ पल के लिए अपना अस्तित्व ले लेती और सामने आ जाती और पता चलता कि एक पेड़ के नीचे सात-आठ बुज़ुर्ग जिनकी उम्र ५५ सए ७० साल कि तो होगी वो कच्ची जमीन पर कुछ पत्थरों के सहारे लगे दो फट्टों पर आमने-सामने बैठकर अपनी महफिल सजाए बैठे हैं एक और शख़्स बिना बताए अपनी रेलिंग से उनकी महफिल में शरीक हो गया और उनके बोले हुए हर शब्द को सुनने लगा !

कभी वो अपनी बात को कहते तो कभी दुसरों की बताते तो कभी दुसरों की बात ध्यान से सुनते ! कभी किसी बात से ठहाके मारकर ज़ोर से हसते कभी गानों से महफिल को और हंसी बनाते !

अभी एक अंकल जी अपने घर के बारे में बता रहे थे कि उनके घर में सुबह-शाम चिल्लाना पुकारना शोर मचा रहता है ! इसलिए वओ यहाँ बैठने चले जाते हैं इतने में बगल मे बैठे अंकल जी ने कहा ..आजकल सभी घरों में यही हाल है ...तेरा घर कोई अनोखा कोई न है इतने में बात खत्म ही हुई थी कि तेज़ी से आवाज़ करती एक गाड़ी एकदम सामने आकर रुकीउसमें से ख़ाकी वर्दी पहनें दो शख़्स उतरे और गाड़ी में से एक लडके को उतार के डण्डों से पिटते हुए ले जा रहे थे !

गाड़ी से निकलती घुमती हुई रोशनी ने आस-पास के कुछ इलाके को अपने आगोश में ले लिया था! इतने में गाड़ी के पीछे-पीछे गली के लोग आ गए और अचानक शान्ति भरा माहोल शोर में बदल गया! सभी लोगों का ध्यान उधर ही था ! अपनी बातों को अधुरा छोड़ सभी लोगों का केन्द्र बिन्दु वो भड़कते हुए लोग थे ! इतने शोर में समझ नही आ रहा था
कि क्या हुआ ?

कदम अपने आप नीचे जाने को मजबूर हो गए और नीचे जाने पर पता चला कि दो लड़के आपस में लड़ पड़े और इस लड़के ने दूसरे का सिर फाड़ दिया फिर सवाल उठा कि दूसरा लड़का कहाँ है? लड़ाई तो दोनो मे हुई है ना ...
उसे क्यों नही पकड़ कर लाए वो अभी अस्पताल में है कुछ ज्यादा ही चोट आई है ! इतनी देर में कही से आवाज़ आई ये तो यहाँ रोज़ाना का काम है और इतने में ये गाना गाते हुए

"मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा
मिल गया होता अगर तूफां नही
आता किनारा मिल गया होता "

सभी उसी माहोल में वापिस आनए लगे,वक़्त अपनी रफ्तार से चलता ही जा रहा था और बिजली ने भी अन्धेरे को चीर दिया था ! लोगो के चेहर अब साफ तोर पर मेरी आँखो के सामने थे ! और सब घरो को रव़ाना होने लगे थे !अब निगाहे घड़ी पर पड़ी और अब समय था 9:35 पता नही वक्त इतनी जल्दी कैसे गुजर गया ! अभी आठ ही तो बजे थे जब निगाहो ने अपना खेल खेलना शुरु किया था ! कही घड़ी तो जल्दी नही चलने लगी !

इतना सोचते ही फिर निगाहे वापस वही गई तो देखा वहिँ अब कोई नही था ! बस वही अकंल बैठे थे जिनका वो
मकान था ओर उनकी यादें ... अभी थोड़ी देर पहले अपने दोस्तो के साथ महफिल संजोय बैठे थे अकंल अभी भी शायद
अकेले नही क्योंकी वो यादें उनके साथ है जिनहे वो कभी भी दोहरा सकते है ! क्योंकी यादे ही इन्सान का सबसे अच्छा दोस्त है जो हमेशा साथ रहता है ! सन्जू मेरा बड़ा भाई भी कहता है की जब भी तु अकेला उदास बैठा हो अपने आप को अकेला मत समझीयों क्योंकी तेरे पास सबसे अच्छा दोस्त है !

तेरी यादें बस जरुरत है flash back में जाने की मुस्कुराहट अपने आप ही दस्तक दे देगी !

pks
vicky

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